कान्हो मो से छुट गयो

Author: Kapil Sharma / Labels:

खोला खाली बच गया,
उड़ गयी रे तीतरी, संतो

दर दर ढूंढे कैसी खुशबु,
कहाँ छिपी रे कस्तूरी, संतो

प्यासे नैना, अजब बावरे,
भरभर छरकाए रे घघरी, संतो

कान्हो मो से छुट गयो,
कोन बजाये रे बांसुरी, संतो

2 comments:

@ngel ~ said...

wow.. did you write it? :P

Kapil Sharma said...

yes Madame :)

अंतर्मन