प्रश्नों का प्रवाह

Author: Kapil Sharma / Labels:

प्रश्नों का प्रवाह
निरंतर, 
निर्लिप्त
मेरी हंसी से
मेरे आँखों की
नमी से

मग्न अपने आप में
अथक न जाने 
किस अपेक्षा से?
निर्मोह उत्तरों की
प्रतीक्षा से
सम्यक, जीवन की
व्याख्या से
प्रश्नों का प्रवाह
निरंतर, निर्लिप्त

प्रवाहित, एकदिश
मंदिर से मधुशाला
सर्वव्याप्त
क्या संत,
क्या पीनेवाला
समग्र, विलेय
क्या हलाहल
क्या हाला
प्रश्नों का प्रवाह
निरंतर, निर्लिप्त

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