साँसों में

Author: Kapil Sharma / Labels:

पल पल, लम्हा लम्हा
इतना यकीं साँसों में
छिपा आसमा पगला,
बावरी जमीं साँसों में

सब कुछ तो "नुक्ता" में
दे दिया, खुदाया
बना दी इक शक्स ने
फिर कैसे कमी साँसों में

जब भी देखा था उसको,
जुनूं में था, आज़ाद था
कल रात देखी हमने
कौन परस्ती साँसों में

तुम भी तो मौजूद वहां थे,
याद नहीं तुम्हे?
कितनी सारी सौंधी रातें,
अब हैं सुनी साँसों में

थके, रूठे, भीगे से काँधे,
तन्हा तन्हा तपती रात
रह का आगे हाल ना पूछो,
हाँ, साँस हैं थमी साँसों में

क्या क्या भरकर लाये थे
क्या छोड़ा, क्या संग किया?
तिनका तिनका रंज वो सारे
रेजा ये हसीं साँसों में

5 comments:

Ajit Pandey said...

Awesome lines dude.... Good words as usual.. :)

@ngel ~ said...

ahem ahem... :P

Kapil Sharma said...

thnx all...
@ @ngel, u got cough ?? :-o

@ngel ~ said...

I got....
I got... nah ... I wont tell u wat really I got but dt is really sweet ... :P

Kapil Sharma said...

hmmmmm... :P

अंतर्मन