इत्ती सी नज़्म
बहोत सताती हैं मुझे
लफ़्ज़ों से लड़ती हैं
ख्यालों को तोड़ती, मरोड़ती है
खुद अधूरी सी रहकर,
सीने में रोती हैं
जब कभी तेरा नाम,
बिन शुमार किये,
इसे मुकम्मल करने की
कोशीश करता हूँ
इत्ती सी नज़्म
बहोत सताती हैं मुझे
बहोत सताती हैं मुझे
लफ़्ज़ों से लड़ती हैं
ख्यालों को तोड़ती, मरोड़ती है
खुद अधूरी सी रहकर,
सीने में रोती हैं
जब कभी तेरा नाम,
बिन शुमार किये,
इसे मुकम्मल करने की
कोशीश करता हूँ
इत्ती सी नज़्म
बहोत सताती हैं मुझे
5 comments:
Really nice expression!!
thanks sash :)
WAAAAAAAAAAH --------
shukriya Muskesh ji :)
Simple bt with a deep meaning...nice 1
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