मीनारें ये,
ये राजमहल
ढह जाये
बनकर खंडर
एक हकीक़त,
और है छल
ख़ाक इक दिन
हो जाना सब को
अच्छा हैं,
भूल जाना सबको
क्यों करें याद,
दीवाना सबको?
क्या बबूल,
क्या संदल
खा जाये आग,
ये सब जंगल
क्यों बेचैन
फिरें पागल
ख़ाक इक दिन
हो जाना सब को
अच्छा हैं,
भूल जाना सबको
क्यों करें याद,
दीवाना सबको?
ये राजमहल
ढह जाये
बनकर खंडर
एक हकीक़त,
और है छल
ख़ाक इक दिन
हो जाना सब को
अच्छा हैं,
भूल जाना सबको
क्यों करें याद,
दीवाना सबको?
क्या बबूल,
क्या संदल
खा जाये आग,
ये सब जंगल
क्यों बेचैन
फिरें पागल
ख़ाक इक दिन
हो जाना सब को
अच्छा हैं,
भूल जाना सबको
क्यों करें याद,
दीवाना सबको?
3 comments:
बहुत बढ़िया साज सज्जा और कंटेंट.
shukriyaa
:)
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