मेरे शहर के रास्ते

Author: Kapil Sharma / Labels:

मेरे शहर के रास्ते, 
मुझ जैसे ही पगले, दीवाने
मेरे शहर के रास्ते,
मंजिलों की क्या जाने?
मेरे शहर के रास्ते,
परवाने बिन शम्मा के
मेरे शहर के रास्ते,
लौट कर आना न जाने
मेरे शहर के रास्ते,
बेपरवा क़दमों के कायल
मेरे शहर के रास्ते,
मिजाज़ - ए - अजल
मेरे शहर के रास्ते,
सबके हमराह,
मेरे शहर के रास्ते
मेरी तरह ही गुमराह
मेरे शहर के रास्ते,
मुझ जैसे ही तन्हा

3 comments:

Anonymous said...

"बेपरवा क़दमों के कायल
मेरे शहर के रास्ते"
बहुत खूब !!

Kapil Sharma said...

thanks sash :)

एक बोर आदमी का रोजनामचा said...

KYAA KAHNAAAAAAAAAAAAA - UMDAAA-

अंतर्मन