कौन शक्स उस जगह मिला?

Author: Kapil Sharma / Labels:

मुझे तेरी फुरकत का
अजब तजुर्बा मिला
गर तू नहीं था तो
कौन शक्स उस जगह मिला?

चाल मुकद्दर की, कब,
किसको समझ आई हैं,
क्यों जुदा हुए हैं, कोई किसे,
किस वजह मिला?

बामौत के दावों पर
यकीन मुझको नहीं हैं
जिसका जैसा नसीब,
सब उसको यहाँ मिला

सजदा ए पाक में "नुक्ता",
ये ऐब सा रहा,
बेवजू रही नजर मेरी,
वो बनकर खुदा मिला

2 comments:

Eyes said...

wahh! prem se aage hatkar likha aapne.

Kapil Sharma said...

thnk you :)

अंतर्मन