इक इक पल
कई सवाल,
सदियाँ गुजरती है कैसे लम्हों में क़ैद?
आती जाती हर सांस क्यों बेकल?
इक इक पल
कई सवाल,
बेसबब से वजूद में, बेवजह सी ज़िन्दगी में
माइने क्यों सिर्फ इक शकल?
इक इक पल
कई सवाल,
नैना जैसे राह बिछे हो, हर आहट पे
बनते, बिखरते हैं, उम्मीदों के क्यों महल?
इक इक पल
कई सवाल,
दर्द ओ चैन में दिल में लड़ते हैं इस कदर
क्या हो हासिल, हैरान क्यों अकाल
इक इक पल
कई सवाल इक तेरे इंतेज़ार में .
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