नब्ज़ थामे रखो थोडी देर और,
देखो एक पल तो बाकी हैं अभी
दौडेगा थोडी दूर अभी ये,
भूल जायेगा दर्द सारे, रंज सारे
मचलेगा नये अरमानो संग अभी
नये ख्वाबो के पर लगाकर,
उड़ने की कोशीश भी करेगा
नादान हैं, मासूम हैं बड़ा,
...जी लेने दो इसे
...जब तक तुम साथ हो
जब तक तुम साथ हो
Author: Kapil Sharma / Labels: ME
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