महकता है पूरा वजूद मेरा
इस हिना से बने गुलनार की तरह
चमकते है सितारें कई हज़ार
तेरी कलाई पर बंध इतराते है
नाखूनों पर तेरी कितने
तीज के चाँद नज़र आते है
एक तेरी हथेली पर
मैंने पा ली है कायनात अपनी
इस हिना से बने गुलनार की तरह
चमकते है सितारें कई हज़ार
तेरी कलाई पर बंध इतराते है
नाखूनों पर तेरी कितने
तीज के चाँद नज़र आते है
एक तेरी हथेली पर
मैंने पा ली है कायनात अपनी
3 comments:
Beautifully written. I love to read you too... And I will continue reading you... Here, more than anywhere...
Hehe m better reader, hope to read more of u ;)
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