ए मुहब्बत

Author: Kapil Sharma / Labels:

अच्छे और बुरे में
तौल लू जिसे मैं,
नशा, तेरा इतना भी, सस्ता नहीं हैं
बच तो जाता हैं तेरा काटा,
ए मुहब्बत,
मगर काम का, फिर वो बचता नहीं हैं

अंतर्मन