महकता है पूरा वजूद मेरा
इस हिना से बने गुलनार की तरह
चमकते है सितारें कई हज़ार
तेरी कलाई पर बंध इतराते है
नाखूनों पर तेरी कितने
तीज के चाँद नज़र आते है
एक तेरी हथेली पर
मैंने पा ली है कायनात अपनी
इस हिना से बने गुलनार की तरह
चमकते है सितारें कई हज़ार
तेरी कलाई पर बंध इतराते है
नाखूनों पर तेरी कितने
तीज के चाँद नज़र आते है
एक तेरी हथेली पर
मैंने पा ली है कायनात अपनी