अनकही बाब सी
फरिश्तो के ख्वाब सी
फ़लक पे रक्स करते
सितारों के ताब सी
किसी शायर की
पसंदीदा किताब सी
प्यासे रिंद को
कतरा ए शराब सी
...उसकी आँखें।।।
उसकी आँखें
Author: Kapil Sharma / Labels: ME
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अनकही बाब सी
फरिश्तो के ख्वाब सी
फ़लक पे रक्स करते
सितारों के ताब सी
किसी शायर की
पसंदीदा किताब सी
प्यासे रिंद को
कतरा ए शराब सी
...उसकी आँखें।।।
2 comments:
Kavita ke lines bahut sundar hai.
Dhanywaad
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