नींद से अब अक्सर ही मनुहार सा रहता है
टूटे टूटे ख़्वाबों में कुछ प्यार सा रहता हैं
कब से क़ैद है सीने में एक दिवाना सा लफ्ज़
लबों को छु लेने को बेकरार सा रहता हैं
जेहनो दिल ने उम्मीद छोड़ दी, बरसो हुए
ना जाने रूह में कैसा इंतज़ार सा रहता है
"उससे" सुलह की तरकीबें सब नाकाम ही रही
मेरा है औ' मुझसे लड़ने तैयार सा रहता है
सवाले वस्ल भी पूछ लेगा "नुक्ता" अगर
उसकी जुबान पे इकरार सा रहता हैं
टूटे टूटे ख़्वाबों में कुछ प्यार सा रहता हैं
कब से क़ैद है सीने में एक दिवाना सा लफ्ज़
लबों को छु लेने को बेकरार सा रहता हैं
जेहनो दिल ने उम्मीद छोड़ दी, बरसो हुए
ना जाने रूह में कैसा इंतज़ार सा रहता है
"उससे" सुलह की तरकीबें सब नाकाम ही रही
मेरा है औ' मुझसे लड़ने तैयार सा रहता है
सवाले वस्ल भी पूछ लेगा "नुक्ता" अगर
उसकी जुबान पे इकरार सा रहता हैं
9 comments:
"ना जाने रूह में कैसा इंतज़ार सा रहता है"
बहुत खूब!!
shukriya
bahut khoob,zubaan pe ikrar sa rahta hai...
Thanks :)
सुबह होती है तो शाम ढूढता हूँ,
शाम आती है तो रात ढूढता हूँ,
रात आ जाये तो नींद ढूढता हूँ,
नींद आजाये तो ख्वाब ढूँढता हू,
ख्वाब आ जाये तो दिलबर को ढूँढता हूँ.
ये ढूँढने का रफत जिंदगानी बन गयी है तनहा.
तुम भी बड़े खुश किस्मत नुक्ता
तुम्हें भी किसी का इन्तजार रहता है.
ahha sirji
BEHAD SHUKRIYAA
Absolutely w'ful...
गोद में उसकी समा जाए आख़िरी हिचकी मेरी
मुझे मेरी ज़िंदगी का इंतज़ार रहता है...
Absolutely w'ful...
गोद में उसकी समा जाए आख़िरी हिचकी मेरी
मुझे मेरी ज़िंदगी का इंतज़ार सा रहता है...
Shukriya Shaizi
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